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CBSE 10th Sample Paper Hindi Set 5 With Solutions

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Tushar
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CBSE 10th Sample Paper Hindi Set 5 With Solutions

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समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश

  1. इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  2. इस प्रश्न-पत्र में कुल चार खंड हैं- क, ख, ग, घ ।
  3. खंड-क में कुल 2 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 10 है।
  4. खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है । दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए 16 उप- प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  5. खंड-ग में कुल 5 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है।
  6. खंड-घ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं।
  7. प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए ।

खंड ‘क’ (अपठित बोध) (14 अंक)

इस खंड में अपठित गद्यांश व काव्यांश से संबंधित तीन बहुविकल्पीय (1 × 3 = 3) और दो अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक (2 × 2 = 4) प्रश्न दिए गए हैं।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (7)

लोगों का मानना है कि बाल-श्रम जैसी सामाजिक कुरीति को समाप्त करने का दायित्व सिर्फ सरकार का है। यदि सरकार ‘चाहे तो कानून का पालन न करने वालों एवं कानून भंग करने वालों को सजा देकर बाल-श्रम को समाप्त कर सकती है, किंतु वास्तव में ऐसा करना असंभव है। हमारे घरों में, ढाबों में, होटलों में अनेक बाल-श्रमिक मिल जाएँगे, जो कड़ाके की ठंड और तपती धूप की परवाह.. किए बगैर काम करते हैं। हमें सोचना होगा कि सभ्य समाज में यह अभिशाप अभी तक क्यों विद्यमान है ? क्यों तथाकथित सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरों के रूप में छोटे बच्चों को पसंद किया जाता है ? क्यों आर्थिक रूप से सशक्त लोगों को घर के कामकाज हेतु गरीब एवं गाँव के बाल-श्रमिक ही पसंद आते हैं? आज आवश्यकता इस बात की है कि सरकारी स्तर से लेकर व्यक्तिगत स्तर तक सभी लोग इसके प्रति सजग रहें और बाल-श्रम के कारण बच्चों का बचपन न छिन जाए, इसके लिए कुछ सार्थक पहल करें।

हमें आज ही बाल-श्रम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और जहाँ कोई बच्चा हमें बाल मजदूरी करते हुए मिले उसकी शिकायत हमें नजदीकी पुलिस स्टेशन में करनी चाहिए। बाल-श्रम को खत्म करना केवल सरकार का ही नहीं, बल्कि हमारा भी कर्त्तव्य है। बाल-श्रम एक बहुत बड़ी सामाजिक समस्या है। इस समस्या को सभी के द्वारा जल्द-से-जल्द खत्म करने की जरूरत है। अगर जल्दी ही इस समस्या पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो यह पूरे देश को दीमक की तरह खोखला कर देगी। बच्चे ही हमारे देश का भविष्य हैं अगर उन्हीं का बचपन अँधेरे और बाल-श्रम में बीतेगा तो हम एक सुदृढ़ भारत की कल्पना कैसे कर सकते हैं। अगर हमें नए भारत का निर्माण करना है तो बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा। यह सिर्फ हमारे और सरकार के सहयोग से ही संभव है। इसलिए हम सबका दायित्व है कि इनकी दशा – परिवर्तन हेतु मनोयोगपूर्वक सार्थक प्रयास करें, जिससे राष्ट्र के भावी नागरिकों के बालपन की स्वाभाविकता बनी रहे ।

(क) सभ्य समाज में आज भी कौन-सा अभिशाप व्याप्त है?
(i) बाल-श्रम का
(ii) सामाजिक कुरीतियों का
(iii) सशक्तता का
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) बाल-श्रम का सभ्य समाज में आज भी बाल-श्रम जैसा सामाजिक अभिशाप व्याप्त है अर्थात् आज भी बड़ी संख्या में होटलों, ढाबों तथा सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरी के रूप में छोटे बच्चे कार्य करते नज़र आते हैं।

(ख) निम्नलिखित कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए
देश को सार्थक पहल करने की आवश्यकता है, जिससे
1. बाल-श्रम के कारण बच्चों की शिक्षा छिन जाए।
2. बाल-श्रम के कारण बच्चों का बचपन न छिन जाए।
3. बाल-श्रम के कारण बच्चों को खुशियाँ मिल जाएँ ।
4. बाल-श्रम के कारण बच्चे विकलांग न हो जाएँ।
कूट
(i) केवल 2 सही है
(ii) 1 और 2 सही हैं
(iii) 3 और 4 सही हैं
(iv) 2 और 3 सही हैं
उत्तर:
(i) केवल 2 सही है बाल-श्रम जैसी सामाजिक कुरीति के कारण बच्चों का बचपन न छिन जाए, इसलिए देश को सार्थक पहल करने की आवश्यकता है।

(ग) कथन (A) छोटे बच्चों को सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरों के रूप में पसंद किया जाता है।
कारण (R) बाल-श्रमिक आसानी से कम पैसों में मिल जाते हैं।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है ।
(iv) कथन (A), और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या करता है। छोटे बच्चों को सभ्य एवं सुशिक्षित परिवारों में नौकरों के रूप में पसंद किया जाता है, क्योंकि बाल-श्रमिक आसानी से कम पैसों में मिल जाते हैं।

(घ) प्रस्तुत गद्यांश का केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रस्तुत गद्यांश में बाल-श्रम जैसी सामाजिक कुरीति के विषय में बताया गया है । बाल-श्रम हमारे सभ्य समाज के लिए अभिशाप है, . इसलिए सरकार व लोगों (सामान्य जन ) दोनों का कर्त्तव्य हैं कि इस सामाजिक कुरीति को जल्द-से-जल्द समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ, जिससे सुदृढ़ भारत की कल्पना साकार हो सके।

(ङ) भारत के नव-निर्माण के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर:
भारत के नव-निर्माण के लिए आवश्यक है कि बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि बाल-श्रम के कारण बच्चों का बचपन नहीं छीनना चाहिए। इसके लिए हम सभी का दायित्व है कि हम सरकार के साथ मिलकर इसमें सहयोग करें।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।
चींटियाँ अंडे उठाकर जा रही हैं,
और चिड़ियाँ नीड़ को चारा दबाए,
धान पर बछड़ा रँभाने लग गया है,
टकटकी सूने विजन पथ पर लगाए,
थाम आँचल, थका बालक रो उठा है,
है खड़ी माँ शीश का गट्ठर गिराए,
बाँह दो चमकारती-सी बढ़ रही है,
साँझ से कह दो बुझे दीपक जलाए ।

शोर डैनों में छिपाने के लिए अब,
शोर माँ की गोद जाने के लिए अब,
शोर घर-घर नींद रानी के लिए अब,
शोर परियों की कहानी के लिए अब,
एक मैं ही हूँ कि मेरी साँझ चुप है,
एक मेरे दीप में ही बल नहीं है,
एक मेरी खाट का विस्तार नभ-सा,
क्योंकि मेरे शीश पर आँचल नहीं हैं।

(क) काव्यांश के आधार पर बताइए कि थका हुआ बालक क्या कर रहा है?
(i) माँ की गोद के लिए रो रहा है
(ii) चींटियों के लिए रो रहा है
(iii) अंडों के लिए रो रहा है
(iv) खाना खाने के लिए रो रहा है
उत्तर:
(i) माँ की गोद के लिए रो रहा है काव्यांश में बताया गया है कि थका हुआ बालक अपनी माँ की गोद के लिए रो रहा है।

(ख) प्रस्तुत काव्यांश के आधार पर बताइए कि किसके बीच गहरा संबंध होता है?
(i) माँ एवं संतान के बीच
(ii) माँ एवं अंडों के बीच
(iii) माँ एवं चींटियों के बीच
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) माँ एवं संतान के बीच प्रस्तुत काव्यांश में बताया गया है कि माँ एवं संतान के बीच इतना गहरा संबंध होता है कि दोनों एक-दूसरे के अभाव में स्वयं को अधूरा महसूस करते हैं।

(ग) कथन (A) कवि को लगता है कि एक उसी की साँझ चुप है।
कारण (R) कवि के पास माँ नहीं है।
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है ।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है । कवि के पास माँ नहीं है, उसी के कारण कवि को लगता है कि उसी की साँझ चुप है।

(घ) काव्यांश में किसके प्रति प्रेम अभिव्यक्त किया गया है?
उत्तर:
काव्यांश में प्रकृति के विभिन्न जीवों का अपनी संतानों के प्रति प्रेम अभिव्यक्त किया गया है; जैसे― चींटियाँ अपने अंडों को उठाकर ले जा रही हैं।

(ङ) कवि को सर्वाधिक दुःख किस बात का है?
उत्तर:
कवि को सर्वाधिक दुःख अपनी माँ के न होने का है। वस्तुतः सभी प्राणियों के बच्चों को उनकी माँ के साथ देखकर कवि को अपनी माँ की याद आ रही है।

खंड ‘ख’ (व्यावहारिक व्याकरण ) (16 अंक)

व्याकरण के लिए निर्धारित विषयों पर अतिलघूत्तरात्मक व लघूत्तरात्मक 20 प्रश्न दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 प्रश्नों (1 × 16 = 16) के उत्तर देने हैं।

प्रश्न 3.
निर्देशानुसार ‘वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) ‘जिस आदमी ने पहले आग का आविष्कार किया होगा, वह कितना बड़ा आविष्कारी होगा। सरल वाक्य में परिवर्तित कीजिए |
उत्तर:
पहले आग का आविष्कार करने वाला आदमी बड़ा आविष्कर्ता होगा।

(ख) ‘मैं बीमार हूँ, इसलिए आयोजन में नहीं जा सकता।’ इसे मिश्रित वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
मैं आयोजन में इसलिए नहीं जा सकता, क्योंकि मैं बीमार हूँ।

(ग) राम खाना खाकर बाहर चला गया।’ इसे संयुक्त वाक्य में परिवर्तित कीजिए ।
उत्तर:
राम ने खाना खाया और बाहर चला गया।

(घ) ‘यह काली गाय है पर वह खेतों में चर रही है।’ रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य संयुक्त वाक्य है ।

(ङ) ‘जो मेहनता करता है वह सफल होता है।’ रचना के आधार पर वाक्य का भेद बताइए ।
उत्तर:
वे रसोई को भटियार खाना कहते थे।

प्रश्न 4.
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (1 × 4 = 4)

(क) ‘आपके द्वारा फूल तोड़ा जाएगा।’ वाच्य का भेद बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य कर्मवाच्य है।

(ख) ‘मुझसे इस गर्मी में सोया नहीं जा सकता।’ वाच्य का भेद बताइए ।
उत्तर:
प्रस्तुत वाक्य भाववाच्य है।

(ग) ‘बालक ने खाना खाया।’ इसे कर्मवाच्य में बदलिए ।
उत्तर:
बालक द्वारा खाना खाया गया।

(घ) ‘माली ने पौधा लगाया।’ इसे कर्मवाच्य में बदलिए ।
उत्तर:
माली द्वारा पौधा लगाया गया।

(ड) ‘उनके द्वारा रसोई को भटियार खाना कहा जाता था।’ इसे कर्तृवाच्य में बदलिए ।
उत्तर:
नौकर घर की सफाई करता है।

प्रश्न 5.
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (1 × 4 = 4)

निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए ।

(क) परिश्रम ही सफलता का मूल मंत्र है।
उत्तर:
परिश्रम भाववाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग, करण कारक

(ख) पिंजरे में बैठकर तोता गा रहा है।
उत्तर:
बैठकर पूर्वकालिक क्रिया, रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, विशेष्य क्रिया ‘गा रहा है’

(ग) मैंने किसी से झगड़ा नहीं किया ।
उत्तर:
मैंने पुरुषवाचक सर्वनाम, एकवचन, कर्ता कारक, ‘किया’ क्रिया काकर्ता

(घ) पतोहू से ही आग दिलाई।
उत्तर:
दिलाई सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, सामान्य भूत काल, कर्तृवाच्य

(ङ) जो बोएगा वही काटेगा। जो व्यक्ति यहाँ है, वही आए । (1 × 4 = 4)
उत्तर:
पहला जो — संबंधवाचक सर्वनाम, दूसरा जो — सार्वनामिक विशेषण

प्रश्न 6.
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए ।

(क) ‘आया फागुन की तन’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
उत्तर:
‘आया फागुन की तन’ प्रस्तुत काव्य पंक्ति में फागुन का मानवीय क्रियाओं का आरोप होने के कारण यहाँ मानवीकरण अलंकार है।

(ख) ‘बल विभव में कुरूराज सचमुच दूसरा सुरराज है।’ इस काव्य पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है?
उत्तर:
प्रस्तुत काव्य पंक्ति में कुरूराज यानी दुर्योधन को दूसरा सुरराज अर्थात् इंद्र बताया है, इसलिए यहाँ अभेद आरोपण के कारण रूपक अलंकार है।

(ग) ‘जान पड़ता है नेत्र देख बड़े-बड़े हीरों में गोल नीलम हैं जड़े।’ इस काव्य पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है ?
उत्तर:
इस काव्य पंक्ति में बड़े-बड़े नेत्रों (उपमेय) में नीलम (उपमान) के होने की कल्पना की जा रही है। अतः यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(घ) ‘वह दीपशिखा – सी शांत भाव में लीन ।’ प्रस्तुत काव्य पंक्ति में कौन-सा अलंकार है ?
उत्तर:
प्रस्तुत काव्य पंक्ति में दीप से उठने वाली ज्वाला के समान शांत बताने के कारण यहाँ उपमा अलंकार है ।

(ङ) ‘बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों में, मणिवाले फणियों का मुख क्यों भरा हुआ है हीरों से।’ इन काव्य पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार कौन-सा है?
उत्तर:
इन काव्य पंक्तियों में चाँद का मुख से काली जंजीर का बालों से तथा मणिवाले फणियों से मोती भरी माँग का अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन किया गया है। अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है ।

खंड ‘ग’ (पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक) (30 अंक)

इस खंड में पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक से प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

नमक-मिर्च छिड़क दिए जाने से ताज़े खीरे की पनियाती फाँकें देखकर पानी मुँह में ज़रूर आ रहा था, लेकिन इनकार कर चुके थे। आत्मसम्मान निबाहना ही उचित समझा, उत्तर दिया, ‘शुक्रिया, इस वक्त तलब महसूस नहीं हो रही, मेदा भी ज़रा कमज़ोर है, किबला शौक फरमाएँ ।’ नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा ।

खिड़की के बाहर देखकर दीर्घ निःश्वास लिया । खीरे की एक फाँक उठाकर होंठों तक ले गए। फाँक को सूँघा । स्वाद के आनंद में पलकें मूँद गईं। मुँह में भर आए पानी का घूँट गले से उतर गया, तब नवाब साहब ने फाँक को खिड़की से बाहर छोड़ दिया। नवाब साहब खीरे की फाँकों को नाक के पास ले जाकर, वासना से रसास्वादन कर खिड़की के बाहर फेंकते गए।

(क) गद्यांश के आधार पर बताइए कि लेखक ने क्या कहकर खीरा खाने से मना कर दिया? कथन के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए।

1. खीरा पसंद नहीं है
2. इस समय इसकी इच्छा महसूस नहीं हो रही है
3. मेरा मेदा भी जरा कमज़ोर है
4. वे खीरा का चुके थे
कूट
(i) केवल कथन 1 सही है ।
(ii) कथन 2 और 3 सही हैं।
(iii) कथन 1 और 4 सही हैं।
(iv) केवल कथन 4 सही है।
उत्तर:
(ii) कथन 2 और 3 सही हैं। लेखक ने यह कहकर खीरा खाने से मना कर दिया कि मुझे इस समय इसकी इच्छा महसूस नहीं हो रही है और मेरा मेदा भी जरा कमज़ोर है अर्थात् स्वास्थ्य भी सही नहीं है, कृपया आप ही इसका शौक फरमाएँ।

(ख) कथन (A) नवाब साहब ने खीरों को सतृष्ण आँखों से देखा ।
कारण (R) नवाब साहब को खीरा नापसंद था ।
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही है, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है। नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों को देखा। नवाब साहब को खीरा नापसंद था। वह खीरे की फाँकों से केवल अपनी नवाबी दिखाने चाहते थे।

(ग) नमक-मिर्च छिड़ककर दिए गए खीरे की फाँकों को देखकर लेखक की क्या स्थिति थी ?
(i) लेखक उन्हें फेंकने को लालायित हो रहे थे
(ii) लेखक उन्हें खाने को लालायित हो रहे थे
(iii) लेखक उन्हें सूँघने को लालायित हो रहे थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ii) लेखक उन्हें खाने को लालायित हो रहे थे नमक मिर्च छिड़ककर दिए गए ताजे खीरे की फाँकों को देखकर लेखक उन्हें खाने को लालायित हो रहे थे, परंतु लेखक ने उन खीरे की फाँकों को खाया नहीं।

(घ) नवाब साहब ने न चाहते हुए भी खीरे को खिड़की से बाहर क्यों फेंका ?
(i) नवाब साहब में नवाबी का अभिमान था
(ii) वे पहले ही खीरा खाने को हाँ कर चुके थे
(iii) वे पहले ही खीरा फेंकने को तैयार हो चुके थे
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(i) नवाब साहब में नवाबी का अभिमान था नवाब साहब ने न चाहते हुए भी खीरे को खिड़की से बाहर फेंक दिया, क्योंकि नवाब साहब में नवाबी का अभिमान था, जिसके कारण वह खीरे को तुच्छ पदार्थ के रूप में दिखाते हुए उसे खिड़की से बाहर फेंक देते हैं। इससे वह प्रदर्शित करना चाहते थे कि नवाबी लोगों का खीरे जैसी तुच्छ वस्तु के देखने और सूँघने से ही पेट भर जाता है।

(ङ) नवाब साहब ने खीरे की फाँकों का स्वाद किस प्रकार लिया? कथन के लिए उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए ।
1. केवल खीरों को चखकर
2. खीरों को छिपाकर
3. खीरों को होंठों तक उठाकर
4. खीरों को सूँघकर
कूट
(i) केवल 1 सही है।
(ii) केवल 2 सही है।
(iii) 1 और 3 सही हैं।
(iv) 3 और 4 सही हैं।
उत्तर:
(iv) 3 और 4 सही हैं गद्यांश में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि नवाब साहब ने खीरे की फाँकों को होठों तक लाकर सूंघा और फिर एक-एक करके उनको खिड़की से बाहर फेंक दिया।

प्रश्न 8.
गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) “उनका बेटा बीमार है, इसकी ख़बर रखने की लोगों को कहाँ फुरसत” इस कथन के द्वारा लेखक क्या कहना चाहता है? ‘बालगोबिन भगत’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए ।
उत्तर:
प्रस्तुत कथन द्वारा लेखक यह कहना चाहता है कि गाँव वाले भगत के बीमार बेटे का हाल-चाल जानने के लिए भगत के घर नहीं गए। सभी अपनी व्यस्त दिनचर्या में से थोड़ा-सा समय भी नहीं निकाल पाए। शायद उन्होंने भगत के बीमार बेटे का हाल-चाल पूछना आवश्यक नहीं समझा अथवा भगत की सामान्य दिनचर्या से उन्हें इसका पता ही नहीं चला।

(ख) ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर बताइए कि कैप्टन कौन था? उसे कौन-सी बात आहत करती थी? इससे कैप्टन की कौन-सी विशेषता प्रकट होती है?
उत्तर:
कैप्टन चश्मे बेचने वाला एक विकलांग व्यक्ति था, जो फेरी लगाकर चश्मे बेचने का कार्य करता था । उसे इस बात से बहुत दुःख होता था कि कस्बे के चौराहे पर लगी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति बिना चश्मे की थी। चश्मा नेताजी की एक महत्त्वपूर्ण पहचान समझा जाता है, इसलिए उसे नेताजी की बिना चश्मे की मूर्ति आहत करती थी। इससे चश्मे वाले के हृदय में देशभक्ति के भाव की विशेषता का पता चलता है।

(ग) देश के स्वतंत्रता आंदोलन में मन्नू भंडारी की भागीदारी के दो उदाहरण दीजिए |
उत्तर:
देश के स्वतंत्रता आंदोलन में मन्नू भंडारी ने सक्रिय रूप से भाग लिया

  1. जब देश में आजादी से पहले जगह-जगह आजादी पाने के लिए प्रभात फेरियाँ निकलती हड़तालें होती और जुलूस निकलते, तो मन्नू भंडारी उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेतीं।
  2. लेखिका स्कूल की कक्षाएँ छोड़कर सभी विद्यार्थियों को इकट्ठा कर देशप्रेम के नारे लगातीं । मन्नू भंडारी ने मुख्य बाजार के चौराहे पर जोशीला भाषण भी दिया, जिसकी सभी प्रशंसा भी की।

(घ) बिस्मिल्ला खाँ को संगीत से लगाव कब व किसके कारण हुआ तथा किसके गाने सुनकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता होती थी?
उत्तर:
बिस्मिल्ला खाँ को 14 वर्ष की आयु में नौबतखाने में रियाज के लिए जाना पड़ता था। वे रसूलन बाई और बतूलन बाई के यहाँ से होकर गुजरते थे, क्योंकि उनके गानों को सुनकर उन्हें अत्यंत प्रसन्नता होती थी। बिस्मिल्ला खाँ ने अपने साक्षात्कारों में इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें अपने जीवन के आरंभिक दिनों में संगीत से लगाव इन्हीं गायिका बहनों के कारण हुआ था। ?

प्रश्न 9.
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए। (1 × 5 = 5)

एक के नहीं, दो के नहीं,
ढेर सारी नदियों के पानी का जादू
एक के नहीं, दो के नहीं,
लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा
एक की नहीं दो की नहीं,
हज़ार – हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म

(क) फसल के उगने में किसका योगदान रहता है?
(i) अनेक व्यक्तियों के शारीरिक परिश्रम का
(ii) नदियों के जल का
(iii) खेतों की मिट्टी के गुणधर्म का
(iv) ये सभी
उत्तर:
(iv) ये सभी फसल के उगने में अनेक व्यक्ति के शारीरिक परिश्रम का, नदियों के जल का व खेतों की मिट्टी के गुणधर्म का योगदान रहता है।

(ख) कथन (A) फसल ‘कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा’ है।
कारण (R) किसानों के शारीरिक परिश्रम द्वारा फसल निर्माण होता है।
(i) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) गलत है।
(ii) कथन (A) गलत हैं, किंतु कारण (R) सही है।
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कृथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
उत्तर:
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। काव्यांश के अनुसार, फसल कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा है तथा किसानों के शारीरिक परिश्रम द्वारा ही फसल का निर्माण होता है।

(ग) ‘एक के नहीं, दो के नहीं’ पंक्ति की आवृत्ति क्यों की गई है ?
(i) सामूहिकता के भाव को प्रकट करने के लिए
(ii) गणना करने के लिए
(iii) आलंकारिकता के लिए
(iv) आवृत्ति भाव उत्पन्न करने के लिए
उत्तर:
(i) सामूहिकता के भाव को प्रकट करने के लिए ‘एक के नहीं, दो के नहीं पंक्ति की आवृत्ति सामूहिकता के भाव को प्रकट करने के लिए की गई है।

(घ) ‘फसल’ कविता में कवि ने किस विषय में बताया है? सही विकल्प का चयन कीजिए
1. फसल उत्पादन में मिट्टी की गुणवत्ता के सहयोग के विषय में
2. प्रकृति और मानव के परस्पर सहयोग के विषय में
3. किसानों के परिश्रम के विषय में
4. फसल उत्पादन में आवश्यक तत्त्वों के विषय में
कूट
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।
(ii) कथन 3 और 4 सही हैं।
(iii) केवल कथन 3 सही है।
(iv) केवल कथन 4 सही है।
उत्तर:
(iv) केवल कथन 4 सही है। ‘फसल’ कविता में कवि ने फसल के उत्पादन में आवश्यक तत्त्वों के विषय में बताया है।

(ङ) फसल की पैदावार किसके जादू के कारण होती है ?
(i) काली – संदली मिट्टी के मिश्रण द्वारा
(ii) रासायनिक खाद द्वारा
(iii) नदियों के पानी द्वारा
(iv) चाँद की किरणों द्वारा
उत्तर:
(iii) नदियों के पानी द्वारा फसल की पैदावार नदियों के पानी के जादू के कारण होती है।

प्रश्न 10.
कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। (2 × 3 = 6)

(क) परशुराम के क्रोध करने पर राम की जो प्रतिक्रिया हुई, उसके आधार पर उनके स्वभाव की दो विशेषताएँ बताइए ।
उत्तर:
परशुराम द्वारा क्रोध करने पर श्रीराम द्वारा की गई प्रतिक्रिया से उनके स्वभाव की जो विशेषताएँ उद्घटित होती हैं, वे निम्न हैं

  1. राम विनम्र और शांत स्वभाव के हैं।
  2. राम ऋषि-मुनियों की आज्ञा का पालन करना जानते हैं। उनके मन में बड़ों के प्रति आदर और श्रद्धा का भाव है।

(ख) कवि ने बादलों को किस आकांक्षा को पूरा करने वाला बताया है? ‘उत्साह’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
कवि ने बादलों को गर्मी से पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षा को पूरा करने वाला तथा नई कल्पना और नए निर्माण के लिए क्रांति को संभव करने वाला बताया है। इस प्रकार बादल प्राणियों के जीवन में नई आशा और उत्साह का संचार करते हैं।

(ग) हर कार्यक्षेत्र में ऐसे सहायक मौजूद रहते हैं, जिन्हें कार्य की पूर्णता पर ही खुशी मिलती है। ‘संगतकार’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
हर कार्यक्षेत्र में ऐसे सहायक या संगतकार रहते हैं, जिन्हें कार्य की पूर्णता पर ही खुशी मिलती है। वे अपने लिए कुछ नहीं चाहते हैं। ‘संगतकार’ कविता मुख्य गायक के साथ गाने वाले, साथ देने वाले, शिष्य परंपरा निभाने वाले उस छोटे गायक पर लिखी गई है, जो अपनी कमजोर, पतली व काँपती आवाज में मुख्य गायक का साथ देकर अपने धर्म का निर्वहन करता है। मनुष्यता और मानवीयता के मार्ग पर चलता है।

(घ) कवि किस बात को विडम्बना मानते हैं? उससे उनके किन गुणों का आभास होता है ? ‘आत्मकथ्य’ कविता के आधार पर लिखिए ।
उत्तर:
कवि ‘आत्मकथा’ लिखने को ही विडम्बना मानते हैं, क्योंकि ईमानदारी से आत्मकथा लिखने का अर्थ है कि दूसरे लोगों के छल-कपटपूर्ण व्यवहार का पर्दाफाश करना। इसमें न तो कवि का हित है और न ही दूसरों का हित है। सच्चाई और ईमानदारी से अपने जीवन का सार लिखने से उन सभी व्यक्तियों की कलई खुल जाएगी, जिन्होंने छल-कपट एवं विश्वासघात से कवि के जीवन का गागर रिक्त कर दिया और साथ ही दुनिया कवि के भोलेपन, निष्कपट व्यवहार तथा सरल स्वभाव का मजाक भी उड़ाएगी। इससे कवि की अपने कर्त्तव्य के प्रति ईमानदारी एवं निष्ठा संबंधी गुणों का पता चलता है।

प्रश्न 11.
पूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए । (4 × 2 = 8 )

(क) भोलानाथ और उसके मित्र सामूहिक रूप से खेल खेलते थे। ‘माता का अँचल’ पाठ के आधार पर बताइए कि तत्कालीन व वर्तमान समय में बच्चों की खेल सामग्रियों में क्या परिवर्तन आए हैं? बच्चों के खेलों में हुए परिवर्तनों का उनके मूल्यों पर कितना प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:
भोलानाथ और उसके साथियों के द्वारा खेले जाने वाले खेल सामूहिक रूप से मिल-जुलकर खेले जाते थे। उनके खेलने की सामग्री अधिकतर मिट्टी के खिलौने, लकड़ी, मिट्टी के घड़े के टुकड़े, धूल, पानी, पत्ते और कागज़ आदि होते थे, जबकि आज प्लास्टिक के खिलौने व इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों का प्रचलन है। खेल सामग्रियों में आएं उपर्युक्त अंतर ने बच्चों के नैतिक मूल्यों को भी प्रभावित किया है। वर्तमान समय में बच्चों द्वारा जो खेल खेले जाते हैं, उन्होंने बच्चों को एकाकी बना दिया है। उनमें सहभागिता, सहयोग, सामाजिकता जैसे गुण धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।

(ख) यूमथांग में लेखिका सिक्किम की एक चिप्स बेचने वाली महिला से मिलकर अधिक प्रसन्न हुई । ‘साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखिका की प्रसन्नता का क्या कारण था?
उत्तर:
लेखिका को यूमथांग में सिक्किम की एक चिप्स बेचने वाली महिला से मिलकर प्रसन्नता हुई। शुरुआत में लेखिका ने जब उस चिप्स बेचने वाली युवती से पूछा – “क्या तुम सिक्किमी हो?” तब उसने उत्तर दिया कि “नहीं, मैं इंडियन हूँ।” यह सुनकर लेखिका को अच्छा लगा। उसने अनुभव किया कि सिक्किम के लोग भारत में मिलकर बहुत प्रसन्न हैं। सिक्किम के लोगों ने पूरे मन से भारत को अपना देश मान लिया है। हर एक सिक्किमी व्यक्ति भारतीयों में इस प्रकार मिल गया है कि लगता ही नहीं, कभी सिक्किम भारत में नहीं था । चिप्स बेचती युवती के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के इस स्वरूप को अनुभव कर लेखिका को अत्यंत प्रसन्नता हुई।

(ग) हिरोशिमा के एक जले हुए पत्थर पर पड़ी छाया को देखकर लेखक ने क्या अनुमान लगाया? ‘मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर:
लेखक ने हिरोशिमा की सड़क पर घूमते हुए एक पत्थर पर मानवाकार छाया देखी और अनुभव किया कि यह परमाणु बम की किरणों से झुलसा मानव था, तो लेखक के हृदय में भावनात्मक आकुलता का दबाव बना, उसे संवेदनात्मक प्रत्यक्ष अनुभूति हुई कि मानो वहाँ कोई व्यक्ति खड़ा रहा होगा, जो रेडियोधर्मी किरणों का शिकार हुआ। जिसने पत्थर तक को झुलसा दिया और उस व्यक्ति को भाप बनाकर उड़ा दिया और तब उसने सहसा ‘हिरोशिमा’ कविता लिखी।

खंड ‘घ’ (रचनात्मक लेखन) (20 अंक)

इस खंड में रचनात्मक लेखन पर आधारित प्रश्न पूछे गए हैं, जिनके निर्धारित अंक प्रश्न के सामने अंकित हैं।

प्रश्न 12.
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) शिक्षा का अधिकार
संकेत बिंदु

  • भूमिका / शिक्षा की अवधारणा
  • शिक्षा का अधिकार कानून
  • वर्तमान शिक्षा की श्रेणियाँ
  • माध्यमिक शिक्षा का महत्त्व

उत्तर:
शिक्षा का अधिकार
शिक्षा को मानव समाज में उच्च प्राथमिकता प्राप्त है, क्योंकि किसी भी देश की विकास प्रक्रिया का यह एक अभिन्न अंग है। शिक्षा के द्वारा ही हम अपना और समाज का विकास कर सकते हैं। वर्ष 2002 में संविधान के 86वें संशोधन द्वारा अनुच्छेद 21A के भाग 3 द्वारा 6-14 वर्ष तक के सभी बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया था। इसे प्रभावी बनाने के लिए 4 अगस्त, 2009 को लोकसभा में यह अधिनियम पारित कर दिया गया तथा 1 अप्रैल, 2010 से इसे लागू कर दिया गया। वर्तमान समय में शिक्षा मुख्यतः तीन श्रेणियों में संपन्न होती है— प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च एवं विश्वविद्यालयी शिक्षा। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण श्रेणी माध्यमिक शिक्षा की होती है, क्योंकि इस सीमा को पार करने के उपरांत ही कोई विश्वविद्यालयी शिक्षा की ओर बढ़ सकता है।

अतः माध्यमिक शिक्षा किसी भी राष्ट्र की रीढ़ होती है। माध्यमिक शिक्षा के महत्त्व को देखते हुए ही हमारे देश में माध्यमिक स्तर की शिक्षा निःशुल्क प्रदान करके इसे लाभकारी बनाने का प्रयत्न किया गया है। शिक्षा पद्धति में राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सुधार के लिए अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। समाज में शोषित वर्गों; जैसे – महिलाओं, पिछड़े पर्वतीय क्षेत्रों आदि में रहने वाले लोगों के लिए हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा के विशेष कार्यक्रम, जानकारी और कुशलता बढ़ाने के लिए सतत् शिक्षा के कार्यक्रम आदि ‘इंदिरा गाँधी मुक्त विश्वविद्यालय’ के अंतर्गत प्रारंभ किए हैं। भारत के सुंदर भविष्य के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षा का समुचित स्वस्थ वातावरण तैयार किया जाए, जहाँ शारीरिक, मानसिक एवं नैतिक रूप से स्वस्थ युवा अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं का विकास कर अपनी क्षमता का उपयोग देश के विकास में कर सकें।

(ख) पर उपदेश कुशल बहुतेरे (6)
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • उपदेश देना मनुष्य की प्रवृत्ति
  • कथनी से करनी श्रेष्ठ
  • व्यक्ति के आचरण का प्रभाव

उत्तर:
पर उपदेश कुशल बहुतेरे
मनुष्य अपने स्वभाव के अधीन होता है। स्वभाव को परिवर्तित करना अत्यंत कठिन होता है और मनुष्य का स्वभाव है कि वह लोभ, ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध जैसी सामान्य वृत्तियों से स्वयं को मुक्त नहीं कर पाता । इन्हीं में से एक वृत्ति दूसरों को निरर्थक उपदेश देने की है। वह जिस आचरण का पालन स्वयं नहीं करता, वैसा आचरण करने के लिए दूसरों को सुझाव देता रहता है।

दूसरों को उपदेश देना बहुत सरल कार्य है। यह एक मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि मनुष्य उपदेश देने की प्रवृत्ति में अत्यधिक रुचि रखता है। दूसरों को नसीहत देना कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि नसीहत या उपदेश देने वाले व्यक्ति के मस्तिष्क में वे बातें गहरी बैठी हुई हैं। वह एक ज्ञानी के रूप में जिस आचरण का समर्थन करता है, उसी आचरण का अपने जीवन में पालन नहीं कर पाता, क्योंकि उसके ज्ञान पर उसकी कामुकता, लिप्साएँ, सांसारिक सुख-सुविधाएँ आदि अत्यधिक हावी होती हैं। सामान्यतया अधिकांश व्यक्तियों की स्थिति ऐसी ही होती है। वास्तव में उपदेश देने का अधिकार उसी व्यक्ति को है, जो स्वयं भी उन उपदेशों का अपने जीवन में पालन करता हो।

व्यक्ति जो बात बोल रहा है वह केवल दूसरों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वयं के ऊपर भी लागू होती है। उसी व्यक्ति का उपदेश प्रभावी होता है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं होता । एक विचारक का कथन है- “सौ मन भाषण से एक कण आचरण श्रेष्ठ होता है।” जो व्यक्ति केवल बातें ही करते हैं, उपदेश ही देते हैं, आचरण नहीं करते उनकी बातों का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं होता और जो व्यक्ति अपने विचारों के अनुरूप आचरण करते हैं, उनसे सभी प्रभावित होते हैं। जो व्यक्ति आचरण को महत्त्व देता है, स्वयं भी अपने उपदेशों का पालन करता है, वह नैतिक रूप से साहसी होता है। नैतिक रूप से साहसी व्यक्ति ही अपने उपदेशों पर दृढ़ता से स्थिर रह सकता है।

(ग) मेरे जीवन का लक्ष्य
संकेत बिंदु

  • भूमिका
  • मेरे जीवन का लक्ष्य
  • लक्ष्य चुनने का कारण
  • अध्यापकों की भूमिका

उत्तर:
मेरे जीवन का लक्ष्य
यदि हमारे जीवन में जीने का कोई कारण नहीं होगा, कोई महत्त्वाकांक्षा नहीं होगी, कोई लक्ष्य नहीं होगा, तो हमारा जीवन भी व्यर्थ होगा। इसलिए सफलता के लिए हमारे जीवन का कोई-न-कोई लक्ष्य अवश्य होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति की अपनी अपनी रुचि, अपनी-अपनी आकांक्षाएँ होती हैं। उन्हीं के अनुसार मनुष्य अपना जीवन-लक्ष्य निर्धारित करता है।

मेरे जीवन का भी एक निर्धारित लक्ष्य है। मैं एक आदर्श शिक्षक बनना चाहता हूँ। अध्यापक बनकर भावी भारत का भार उठाने तथा समर्थ नागरिकों का निर्माण ही मेरी महत्त्वाकांक्षा है। आज मैं ऐसे अनेक शिक्षकों को देखता हूँ, जो शिक्षा का सच्चा मूल्य नहीं समझते। वे मात्र धन कमाना ही अपने जीवन का उद्देश्य मान बैठे हैं। वे भूल गए हैं कि अध्यापक का कार्य बड़ा पवित्र और महान है। एक अच्छा शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र की नींव रख सकता है। अध्यापक स्वयं शिक्षा का केंद्र होता है। वह अपने शिष्यों को भी योग्य बनाकर उनके हृदय में ज्ञान की ज्योति प्रज्वलित कर सकता है। मैं शिक्षक बनकर ज्ञान के प्रकाश से जन-जन के मन में व्याप्त अंधकार को दूर करना चाहता हूँ। मैं भावी पीढ़ी में यह भाव भी जाग्रत करना चाहता हूँ कि वे भगवान से यह प्रार्थना करें ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् हे प्रभु! मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।

अध्यापक ही राष्ट्र की भावी पीढ़ी के जीवन को बनाते, सँवारते एवं सुधारते हैं। वे दुनिया से अज्ञान का अँधेरा दूर कर चारों ओर ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। धन की कामना से दूर रहकर निःस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करते हैं। छात्रों में छिपी शक्ति को विकसित करना और उन्हें देश- सेवा के लिए तैयार करना कोई सामान्य बात नहीं है। मैं अध्यापक बनकर उन्हें स्वावलंबन, सेवा, सादगी, स्वाभिमान, अनुशासन और स्वच्छता का पाठ पढ़ाऊँगा । विवेकानंद बनने के लिए रामकृष्ण परमहंस जैसे गुरु की आवश्यकता होती है । भाव यह है कि चरित्रवान शिक्षक ही छात्रों में चरित्र बल का विकास कर सकता है। यदि मेरी यह इच्छा पूर्ण हुई, तो मैं अपना जीवन सार्थक समझँगा ।

प्रश्न 13.
आप राकेश अग्रवाल हैं। आपके क्षेत्र के स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही के कारण डेंगू फैलने पर उसकी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग का ध्यान आकर्षित करने के लिए किसी प्रतिष्ठित समाचार-पत्र के संपादक को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5)
अथवा
आप राहुल गर्ग हैं। आप छात्रावास में रहते हैं। आपको पिताजी से पता चला कि आपका छोटा भाई धूम्रपान करता है। इस व्यसन के दोषों का उल्लेख करते हुए तथा उसे इससे मुक्त होने की सलाह देते हुए लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए ।
उत्तर:
परीक्षा भवन,
दिल्ली |
दिनांक 25 जून, 20XX
सेवा में,
श्रीमान संपादक महोदय,
अमर उजाला,
दिल्ली।

विषय स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण डेंगू के तीव्रता से फैलने के संबंध में।

महोदय,

मैं इस पत्र के माध्यम से आपका ध्यान स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह व्यवहार की ओर दिलाना चाहता हूँ। हमारे क्षेत्र में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अपने कर्त्तव्य से विमुख हो गए हैं। वे कई-कई दिनों तक हमारे क्षेत्र में नहीं आते। यदि थोड़ी देर के लिए आ भी जाते हैं, तो अपना कार्य नहीं करते, बल्कि उसके स्थान पर किसी हलवाई या चाट-पकौड़ी वाले की दुकान पर बैठकर नाश्ता आदि करके वापस चले जाते हैं। हमारे क्षेत्र में डेंगू जैसा संक्रामक रोग फैला हुआ है, जिससे चारों ओर के लोग परेशान हो रहे हैं। उन्हें उचित समय पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिस कारण कुछ लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ रही है।

हमने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को कई बार अपनी समस्याओं से अवगत भी कराया है, किंतु उन्होंने कोई उचित कार्यवाही नहीं की। उनकी लापरवाही कई जानें ले चुकी है। महोदय, आपसे विनम्र निवेदन है कि आप स्वयं अपने स्तर से इनकी जाँच कराने की कृपा करें, जिससे हमारी समस्याओं का निवारण किया जा सके।

धन्यवाद ।
प्रार्थी
राकेश अग्रवाल

अथवा

परीक्षा भवन,
दिल्ली।
दिनांक 15 अप्रैल, 20XX
प्रिय अनुज,

मधुर स्मृतियाँ !

आशा है कि तुम सदा की तरह प्रसन्न होंगे। पिछली बार जब मैं घर गया था, तो पिताजी तुम्हारी धूम्रपान की आदत के कारण बहुत दुःखी दिखाई दे रहे थे । पहले तो मुझे भी इस बात पर विश्वास नहीं हुआ था, लेकिन जब उन्होंने मुझे यह बताया कि उन्होंने अपनी आँखों से तुम्हें धूम्रपान करते हुए देखा है, तो मुझे उनकी बात माननी पड़ी।

वैसे तो तुम समझदार हो, न जाने किस प्रकार इस व्यसन के शिकार हो गए । मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि धूम्रपान से अस्थमा, टीबी तथा कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियाँ हो जाती हैं। धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के पास लोग न तो बैठना पसंद करते हैं और न ही अपने घर बुलाना पसंद करते हैं। तुम जानते ही हो कि तुमसे छोटे दो भाई और भी हैं। तुम कल्पना भी नहीं कर सकते कि जब वे तुम्हें धूम्रपान करते हुए देखते होंगे, तो उन पर इसका कितना गलत प्रभाव पड़ता होगा। यदि कल वे भी इस बुरी आदत का शिकार हो गए, तो तुम किस मुँह से उन्हें रोक सकोगे।

मुझे आशा है कि मेरी बातों का बुरा न मानकर धीरे-धीरे इस बुरी आदत से छुटकारा पाने की कोशिश करोगे ।

तुम्हारा अग्रज
राहुल गर्ग

प्रश्न 14.
आप माँगीलाल कुमार हैं। आप 12वीं पास कर चुके हैं। आपको आदर्श विद्या मंदिर स्कूल अ ब स नगर में चपरासी पद के लिए आवेदन करना है। इसके लिए आप अपना एक संक्षिप्त स्ववृत्त (बायोडाटा) लगभग 80 शब्दों में तैयार कीजिए । (5)
अथवा
आप मोहिनी दूबे हैं। आपका टेलीफोन नेटवर्क एक सप्ताह से सही काम नहीं कर रहा है। इससे संबंधित शिकायत करने हेतु भारत संचार निगम लिमिटेड को लगभग 80 शब्दों में ई-मेल लिखिए |
उत्तर:
स्ववृत्त

नाम : माँगीलाल कुमार
पिता का नाम : श्री रामसहाय कुमार
माता का नाम : श्रीमती पद्मा देवी
जन्म तिथि : 19 जुलाई, 19XX
वर्तमान पता : ए-22, सेक्टर-3, ब्रज विहार आगरा 3020XX
स्थायी पता : उपर्युक्त
दूरभाष नंबर : 0115468XX
मोबाइल नंबर : 78XXXXXXXX
ई-मेल : Mangilal1212@gmail.com

अन्य संबंधित योग्यताएँ

  • बागवानी में योग्यता प्राप्त
  • हिंदी भाषा का ज्ञान

संदर्भित व्यक्तियों का विवरण

  • श्री सौरभ अग्रवाल, आर. के. विद्यालय के प्रधानाध्यापक ।
  • श्री अशोक कुमार, आर. के. विद्यालय के उप-प्रधानाध्यापक ।

उद्घोषणा मैं यह पुष्टि करता हूँ कि मेरे द्वारा दी गई उपर्युक्त जानकारी पूर्ण रूप से सही है।
तिथी 6.10.20XX
स्थान आगरा
माँगीलाल कुमार
हस्ताक्षर

अथवा

From : Mohinnid@gmail.com
To : Bharat Sanchar@gmail.com
CC : abc@gmail.com
BCC : pgr@gmail.com

विषय टेलीफोन नेटवर्क न आने की शिकायत हेतु ।

महोदय,

मेरा टेलीफोन नेटवर्क पिछले एक सप्ताह से उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहा है। मैंने पिछले एक सप्ताह में तीन बार इसकी शिकायत दर्ज करवाई है, किंतु भारत संचार निगम लि. (बी. एस. एन. एल. ) का कोई कर्मचारी अभी तक इसे ठीक करने के लिए नहीं आया है। टेलीफोन नेटवर्क खराब होने की वजह से मुझे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

अतः आपसे निवेदन है कि मेरे उक्त नंबर के टेलीफोन नेटवर्क को शीघ्रातिशीघ्र ठीक करने हेतु अपने कर्मचारियों को त्वरित आदेश दें।

धन्यवाद।
भवदीय,
मोहिनी दूबे
हस्ताक्षर

प्रश्न 15.
आप स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं, पल्स पोलियो के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय समाचार-पत्र में उसका विज्ञापन देना चाहते हैं। आप उनके लिए लगभग 40 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए । (4)
अथवा
आप रितिका चौहान हैं। आपके विद्यालय में किसी प्रसिद्ध संगीतकार का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, इसके लिए लगभग 40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।

अथवा

संगीत कार्यक्रम के आयोजन संबंधी संदेश

दिनांक 16 अगस्त, 20XX
समय दोपहर 2:00 बजे

सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि आगामी 25 अगस्त, 20XX को विद्यालय के मुख्य हॉल में प्रसिद्ध संगीतकार उस्ताद उस्मान खाँ का शहनाई वादन कार्यक्रम सायं 5 बजे से प्रारंभ होगा। सभी विद्यार्थी, अध्यापक एवं कर्मचारी इसमें सादर आमंत्रित हैं। कार्यक्रम निश्चित समय पर शुरू होगा। समय से पूर्व उपस्थिति प्रार्थनीय है। छात्र परिचय-पत्र लेकर आएँ ।

धन्यवाद

रितिका चौहान
(विद्यालय हैड गर्ल)

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