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CBSE 10th Sample Paper Hindi Set 1 With Solutions

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Tushar
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CBSE 10th Sample Paper Hindi Set 1 With Solutions

Students may go through the CBSE 10th Sample Paper Hindi Set 1 With Solutions available below. Students are also advised to go through the CBSE Class 10 Hindi Exam Pattern to understand the upcoming examination better.

 

* कुल प्रश्न : 15  
* खंडों की संख्या : 4  
* निर्धारित समय : 3 घंटे  
* अधिकतम पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 15 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • इस प्रश्न-पत्र में कुल चार खंड हैं – क, ख, ग, घ।
  • खंड–क में कुल 2 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 10 है।
  • खंड-ख में कुल 4 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है । दिए गए निर्देशों का पालन करते
  • हुए 16 उप- प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
  • खंड-ग में कुल 5 प्रश्न हैं, जिनमें उप- प्रश्नों की संख्या 20 है।
  • खंड-घ में कुल 4 प्रश्न हैं, सभी प्रश्नों के साथ उनके विकल्प भी दिए गए हैं।
  • प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए लिखिए ।

खंड – ‘क’ अपठित बोध (14 अंक)

प्रश्न 1.  
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए |

आज विश्व के कई देशों में अदरक वाली भारतीय चाय का चस्का लोगों को ऐसा लग गया है कि वहाँ हर कोई भारतीय चाय का शौकीन हो गया है। इसके अलावा भारत में कुल्हड़ वाली चाय भी काफी लोकप्रिय है। मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी गई चाय. का अपना विशेष महत्त्व है, क्योंकि इसकी सौंधी खुशबू और लाजवाब स्वाद को इसके बिना अनुभव नहीं कर सकते हैं। भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित किया है। भारत ने मिलान में हुई अंतर्राष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपनी अधिसूचना में कहा कि हम विश्व की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में चाय के योगदान को लेकर दुनिया को जागरूक करना चाहते हैं, ताकि वर्ष 2030 के सतत् विकास से जुड़े लक्ष्यों को पूरा किया जा सके ।

संयुक्त राष्ट्र को विश्वास है कि 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस घोषित करने से इसके उत्पादन और खपत बढ़ाने में मदद मिलेगी। अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में चाय के लंबे इतिहास, गहरे सांस्कृतिक और आर्थिक महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन का लक्ष्य चाय के स्थायी उत्पादन और खपत के पक्ष में गतिविधियों को लागू करने के लिए सामूहिक कार्यों को बढ़ावा देना और भूख एवं गरीबी से लड़ने में इसके महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चाय के औषधीय गुणों के साथ सांस्कृतिक महत्त्व को भी मान्यता दी है।

विश्व में चाय के प्रमुख उत्पादकों में एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका शामिल हैं, जबकि विश्व के चार बड़े उत्पादक देशों में क्रमशः चीन, भारत, कीनिया और श्रीलंका शामिल हैं। विश्व के कुल चाय उत्पादन में इन देशों की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है। भारत विश्व में चाय उत्पादन का एक बड़ा केंद्र है। भारत में चाय का उत्पादन करने वाले राज्यों में असम, पश्चिमी बंगाल, केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु शामिल हैं। असम भारत का सर्वाधिक चाय उत्पादन करने वाला राज्य है।


भारत में लगभग 13 हजार चाय बागान हैं, जो 60 लाख से अधिक श्रमिकों की आजीविका का प्रमुख साधन भी हैं। चाय एक श्रम आधारित उद्योग है, इसलिए भारत जैसे देश में इसके विकास की अपार संभावनाएँ हैं। चाय की चुनाई के लिए अधिक मात्रा में श्रमिकों की आवश्यकता पड़ती है, क्योंकि चाय की पत्तियाँ एक-एक करके तोड़ी जाती हैं, जिनसे कोमल पत्तियाँ नष्ट ना हों। अपनी कोमल अँगुलियों के कारण ही चाय के उद्यानों में स्त्री मज़दूर द्वारा पत्तियाँ तोड़ी जाती हैं। चाय की पत्ती तोड़ने के काम के लिए श्रमिकों को पूरे दिन खड़े रहना पड़ता है, चाहे वह चिलचिलाती धूप में हो या बारिश में। वे आमतौर पर उस हिस्से तक पहुँचने के लिए चार से पाँच किलोमीटर पैदल चलते हैं, जहाँ वे चाय की पत्तियाँ चुनते हैं।

(क) कथन (A) संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ घोषित किया है।  
कारण (R) विश्व की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में चाय की अहमियत को समझाना ।  
कूट  
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।  
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।  
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।  
उत्तर:  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। गद्यांश के अनुसार, भारत की सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 मई को ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ घोषित किया है। इससे विश्व की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में चाय की अहमियत को समझना है। साथ ही इसके द्वारा उत्पादन और खपत बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी।


(ख) भारत में कुल्हड़ वाली चाय काफी लोकप्रिय है, क्योंकि (1)

1. सौंधी खुशबू होती है।  
2. लाजवाब स्वाद होता है।  
3. बहुत महँगी होती है।  
4. आसानी से उपलब्ध होती है।  
कूट  
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।  
(ii) कथन 1, 3 और 4 सही हैं।  
(iii) केवल कथन 3 सही है।  
(iv) कथन 1, 2 और 4 सही हैं।  
उत्तर:  
(i) कथन 1 और 2 सही हैं। भारत में कुल्हड़ वाली चाय की लोकप्रियता, उसकी सौंधी खुशबू और लाजवाब स्वाद के कारण है। मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी गई चाय का अपना विशेष महत्त्व होता है, इसलिए यह लोकप्रिय भी होती है।

(ग) नीचे दिए हुए कॉलम I को कॉलम II से सुमेलित कर सही विकल्प का चयन कीजिए

CBSE Hindi Set 1 Class 10

उत्तर:  
(ii) A-2, B-3, C-1 चीन विश्व में चाय का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। असम भारत में चाय का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। भारत विश्व में चाय का दूसरा बड़ा उत्पादक राज्य है।


(घ) चाय के उत्पादन और खपत बढ़ाने में ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ की क्या भूमिका है?  
उत्तर:  
चाय के उत्पादन और खपत बढ़ाने में ‘अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस’ की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। चाय के व्यापार से करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। उनके हितों की रक्षा और जागरूकता का होना बहुत आवश्यक है। इसी कारण चायपत्ती की खपत और उसकी माँग को बढ़ाने हेतु अंतर्राष्टीय चाय दिवस की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

(ङ) चाय एक श्रम आधारित उद्योग है, कैसे ?  
उत्तर:  
चाय एक श्रम आधारित उद्योग है। चाय की पत्तियों को सावधानीपूर्वक एक-एक करके तोड़ा जाता है, ताकि उसकी कोमल पत्तियाँ नष्ट न हो जाएँ। इस कार्य को करने के लिए श्रमिकों को पूरे दिन किसी भी परिस्थिति में खड़ा रहना पड़ता है, साथ ही चाय की पत्तियों को चुनने हेतु चार से पाँच किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। अतः इस आधार पर कहा जा सकता है कि चाय एक श्रम आधारित उद्योग है।

प्रश्न 2.  
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उस पर आधारित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

अर्जुन! देखो, किस तरह कर्ण सारी सेना पर टूट रहा,  
किस तरह पांडवों का पौरुष होकर अशंक वह लूट रहा,  
देखो जिस तरफ़, उधर उसके ही बाण दिखाई पड़ते हैं,  
बस, जिधर सुनो, केवल उसकी हुंकार सुनाई पड़ती है ।  
कैसी करालता ! क्या लाघव ! कितना पौरुष ! कैसा प्रहार !  
किस गौरव से यह वीर द्विरद कर रहा समर – वन में विहार !  
व्यूहों पर व्यूह फटे जाते, संग्राम उजड़ता जाता है,  
ऐसी तो नहीं कमल वन में भी कुंजर धूम मचाता है।  
इस पुरुष – सिंह का समर देख मेरे तो हुए निहाल नयन,  
कुछ बुरा न मानो, कहता हूँ, मैं आज एक चिर – गूढ़ वचन ।  
कर्ण के साथ तेरा बल भी मैं खूब जानता आया हूँ,  
मन-ही-मन तुझसे बड़ा वीर, पर इसे मानता आया हूँ।  
‘औ’ देख चरम वीरता आज तो यही सोचता हूँ मन में,  
है भी कोई, जो जीत सके, इस अतुल धनुर्धर को रण में?  
– रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (रश्मिरथी सप्तम सर्ग भाग – 3)


इस काव्यांश में कौन किसकी प्रशंसा कर रहा है?  
(i) कृष्ण, अर्जुन की  
(ii) कृष्ण, कर्ण की  
(iii) कर्ण, कृष्ण की  
(iv) अर्जुन, कर्ण की  
उत्तर:  
(ii) कृष्ण, कर्ण की प्रस्तुत काव्यांश में कृष्ण कर्ण की प्रशंसा कर रहे हैं। कृष्ण कर्ण की प्रशंसा करने हेतु उसकी वीरता व युद्ध-कौशल का बखान करते

कवि ने कर्ण के युद्ध-कौशल की प्रशंसा में क्या कहा है? उचित विकल्प का चयन कीजिए  
1. पांडव सेना के पुरुषार्थ को चुनौती दे रहा था।  
2. पांडव सेना ने उसे चारों ओर से घेर लिया था।  
3. समर क्षेत्र में केवल उसके बाण दिखाई दे रहे थे।  
4. समर क्षेत्र में केवल उसकी हुंकार सुनाई दे रही थी ।  
कूट  
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।  
(ii) कथन 1, 2 और 4 सही हैं।  
(iii) केवल कथन 3 सही है।  
(iv) कथन 1, 3 और 4 सही हैं।  
उत्तर:  
(iv) कथन 1, 3 और 4 सही हैं। कवि ने कर्ण के युद्ध-कौशल की प्रशंसा में कहा है कि कर्ण पांडव सेना के पुरुषार्थ को चुनौती दे रहा था। वह वीर योद्धा है। समर क्षेत्र में केवल कर्ण के लिए बाण दिखाई दे रहे थे और युद्ध भूमि में कर्ण की ही हुंकार सुनाई दे रही थी।

कथन (A) और कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए  
कथन (A) कर्ण की गर्जना से पांडव सेना में भगदड़ मच गई।  
कारण (R) कर्ण ने पांडवों की सेना पर भीषण आक्रमण कर दिया था।  
कूट  
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।  
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।  
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।  
उत्तर:  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। प्रस्तुत काव्यांश में कर्ण की वीरता को दर्शाते हुए बताया गया है कि कर्ण ने पांडवों की सेना पर भीषण आक्रमण कर दिया था। कर्ण की गर्जना से पांडव सेना में भगदड़ मच गई थी।


श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कौन – सा गूढ वचन बताया?  
उत्तर:  
प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार श्रीकृष्ण ने अर्जुन को यह गूढ़ वचन बताया कि वह अर्जुन और कर्ण दोनों की ही वीरता को जानते हैं। दोनों के बल से श्रीकृष्ण परिचित हैं, किंतु फिर भी मन-ही-मन वह कर्ण को अर्जुन से बड़ा वीर मानते रहे हैं।

कर्ण के युद्ध कौशल को देखकर कृष्ण उसके बारे में क्या सोच रहे थे?  
उत्तर:  
कर्ण के युद्ध कौशल को देखकर कृष्ण कर्ण के बारे में यह सोच रहे थे कि संसार में ऐसा कोई वीर योद्धा है, जो कर्ण की वीरता की बराबरी कर सके ? उसे युद्ध में पराजित कर सके।

खंड -‘ख’ व्यावहारिक व्याकरण ( 16 अंक)

प्रश्न 3.  
निर्देशानुसार ‘रचना के आधार पर वाक्य भेद’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

(क) हालदार साहब चौराहे पर रुकते थे और मूर्ति को देखते थे। (सरल वाक्य में बदलिए)  
उत्तर:  
हालदार साहब चौराहे पर रुककर मूर्ति को देखते थे।

(ख) जब जाड़ा आता तब बालगोबिन भगत एक काली कमली ऊपर से ओढ़े रहते । (संयुक्त वाक्य में बदलिए)  
उत्तर:  
जाड़ा आता और बालगोबिन भगत एक काली कमली ऊपर से ओढ़े रहते।

(ग) रीड नरकट से बनाई जाती है, जो डुमराँव में मुख्यतः सोन नदी के किनारों पर पाई जाती है। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए)  
उत्तर:  
विशेषण आश्रित उपवाक्य जो डुमराँव में मुख्यतः सोन नदी के किनारे पर पाई जाती है।

(घ) खीरे के स्वाद के आनंद में नवाब साहब की पलकें मुँद गईं । (मिश्र वाक्य में बदलिए)  
उत्तर:  
जैसे ही नवाब साहब ने खीरे का आनंद लिया वैसी ही उनकी पलकें मुँद गई।


(ङ) काशी आज भी संगीत के स्वर पर जगती है और उसी की थापों पर सोती है। (रचना की दृष्टि से वाक्य का भेद लिखिए |)  
उत्तर:  
‘काशी आज भी संगीत के स्वर पर जगती है और उसी की थापों पर सोती है।’ वाक्य रचना की दृष्टि से संयुक्त वाक्य है।

प्रश्न 4.  
निर्देशानुसार ‘वाच्य’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

(क) वह गिने-चुने फ्रेमों को नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है। (कर्म वाच्य में बदलिए)  
उत्तर:  
उनके द्वारा गिने-चुने फ्रेम नेताजी की मूर्ति पर फिट कर दिए जाते हैं।

(ख) नवाब साहब द्वारा जेब से चाकू निकाला गया और खीरे छीलने शुरू कर दिए गए। (कर्तृवाच्य में बदलिए)  
उत्तर:  
नवाब साहब ने जेब से चाकू निकाला और खीरे छीलने शुरू कर दिए ।

(ग) बिना सहारे दादाजी अब चल नहीं पाते हैं। (भाववाच्य में बदलिए)  
उत्तर:  
बिना सहारे दादाजी से अब चला नहीं जाता है।

(घ) स्वयं प्रकाश जी ने ‘नेताजी का चश्मा’ कहानी की रचना की । (वाच्य पहचानकर भेद बताइए)  
उत्तर:  
स्वयं प्रकाश जी ने ‘नेताजी का चश्मा’ कहानी की रचना की। प्रस्तुत वाक्य कर्तृवाच्य है।

(ङ) कर्म की प्रधानता वाले वाक्य में कौन-सा वाच्य होता है?  
उत्तर:

कर्म की प्रधानता वाले वाक्य में कर्मवाच्य होता है।

प्रश्न 5.  
निर्देशानुसार ‘पद परिचय’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए।

(क) पानवाला नया पान खा रहा था।  
उत्तर:  
नया विशेषण, गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग, एकवचन, ‘पान’ विशेषण |

(ख) वक्त काटने के लिए खीरे खरीदे होंगे।  
उत्तर:  
खरीदे होंगे क्रिया, सकर्मक क्रिया, पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल

(ग) विद्यालय के साथ ही एक डाकघर है।  
उत्तर:  
के साथ संबंधबोधक अव्यय, घर और डाकखाने के बीच संबंध दर्शा रहा है।

(घ) वाह ! भई खूब ! क्या आइडिया है।  
उत्तर:  
वाह! विस्मयादिबोधक अव्यय, प्रशंसासूचक।

(ङ) वे बहुत कोमल और संवेदनशील व्यक्ति थे।  
उत्तर:  
वे सर्वनाम, अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम, आदारर्थक बहुवचन, कर्ता कारक ।

प्रश्न 6.  
निर्देशानुसार ‘अलंकार’ पर आधारित पाँच प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों की रेखांकित काव्य पंक्तियों में अलंकार पहचानकर लिखिए।

(क) सहसबाहु सम सो रिपु मोरा ।  
उत्तर:  
प्रस्तुत पंक्ति में ‘सम’ शब्द समानता को दर्शाता है। उपमेय में उपमान की समानता होने के कारण यहाँ उपमा अलंकार है।

(ख) छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू ।  
उत्तर:  
प्रस्तुत पंक्ति में रघुपति के धनुष बाण छूने से ही उसके टूट जाने का वर्णन किया गया है। अतः बात का बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन करने के कारण यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

(ग) बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की।  
उत्तर:  
प्रस्तुत पंक्ति में बूढ़े पीपल का जुहार करना अर्थात् प्रकृति पर मानवीय चेष्टाओं का आरोप होने के कारण यहाँ मानवीकरण अलंकार है ।

(घ) तुम्ह तौ कालु हाँक जनु लावा। बार-बार मोहि लागि बोलावा ।  
उत्तर:  
प्रस्तुत पंक्ति में काल को हाँक कर बुलाने अर्थात् उपमेय में उपमान की संभावना प्रकट करने के कारण यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है।

(ङ) बढ़त देखि जल सम वचन बोले रघुकुलभानु ।  
उत्तर:  
प्रस्तुत पंक्ति में रघुकुल भानु में रूपक अलंकार है । यहाँ श्रीराम को ‘रघुकुल का सूर्य कहा गया है।

खंड – ‘ग’ पाठ्यपुस्तक एवं पूरक पाठ्यपुस्तक (30 अंक)

प्रश्न 7.  
निम्नलिखित पठित गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए।

काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है। यह आयोजन पिछले कई सालों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है। यह मंदिर शहर के दक्षिण में लंका पर स्थित है व हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ पाँच दिनों तक शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन-वादन की उत्कृष्ट सभा होती है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मज़हब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है। वे जब भी काशी से बाहर रहते हैं, तब विश्वनाथ व बालाजी मंदिर की दिशा की ओर मुँह करके बैठते हैं, थोड़ी देर ही सही, मगर उसी ओर शहनाई का प्याला घुमा- दिया जाता है और भीतर की आस्था रीड के माध्यम से बजती है ।

(क) काशी के संकटमोचन मंदिर में आयोजित संगीत आयोजन की विशेषता है

1. यह आयोजन हनुमान जयंती के अवसर पर होता है ।  
2. यह आयोजन पाँच दिनों तक चलता है।  
3. यह प्राचीन संस्कृति है ।  
4. शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन-वादन होता है।  
कूट  
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।  
(ii) कथन 1, 3 और 4 सही हैं।  
(iii) केवल कथन 3 सही है ।  
(iv) कथन 1, 2 और 4 सही हैं।  
उत्तर:  
(iv) कथन 1, 2 और 4 सही हैं। काशी के संकटमोचन मंदिर में आयोजित संगीत आयोजन की विशेषता यह है कि यह आयोजन हनुमान जयंती के अवसर पर होता है। यह आयोजन पाँच दिनों तक चलता है। इस अवसर पर शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन-वादन होता है।

(ख) कथन (A) बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।  
कारण (R) अपने मज़हब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार थी।  
कूट  
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।  
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।  
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।  
उत्तर:  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे। बिस्मिल्ला खाँ अपने मज़हब के प्रति अत्यधिक समर्पित थे, साथ ही उनकी काशी विश्वनाथ जी के प्रति अपार श्रद्धा भी थी। दोनों धर्मों के प्रति उनकी सच्ची एवं गहरी आस्थापूर्ण भावना के कारण यह कहा जा सकता है कि वे मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे।

(ग) काशी से बाहर के कार्यक्रमों में बिस्मिल्ला खाँ किनके प्रति अपनी आस्था प्रकट करने थे?  
(i) काशी विश्वनाथ के प्रति  
(ii) काशी विश्वनाथ और बालाजी के प्रति  
(iii) अपने माता-पिता के प्रति  
(iv) अपने गुरु के प्रति  
उत्तर:  
(ii) काशी विश्वनाथ और बालाजी के प्रति काशी से बाहर के कार्यक्रमों में बिस्मिल्ला खाँ काशी विश्वनाथ और बालाजी के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते थे।

(घ) काशी की अद्भुत और प्राचीन परंपरा कौन-सी है ?  
(i) संगीत आयोजन की  
(ii) पर्वों के आयोजन की  
(iii) गंगा – मेले के आयोजन की  
(iv) पशु मेले के आयोजन की  
उत्तर:  
(i) संगीत आयोजन की काशी की अद्भुत और प्राचीन परंपरा संगीत आयोजन की है। यह आयोजन संकटमोचन मंदिर में होता है।

(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का मूल भाव क्या है ? उचित विकल्प का चयन कीजिए

1. काशी की सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाना ।  
2. बिस्मिल्ला खाँ के सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाना ।  
3. बिस्मिल्ला खाँ की संगीत के प्रति आसक्ति को दर्शाना।  
4. बिस्मिल्ला खाँ के काशी के प्रति प्रेम को दर्शाना ।  
कूट  
(i) कथन 1 और 2 सही हैं।  
(ii) कथन 1, 3 और 4 सही हैं।  
(iii) केवल कथन 3 सही है।  
(iv) कथन 1, 2 और 4 सही हैं ।  
उत्तर:  
(i) कथन 1 और 2 सही हैं। प्रस्तुत गद्यांश का मूल भाव काशी की सांस्कृतिक परंपरा को दर्शाना और बिस्मिल्ला खाँ के सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाना है।

प्रश्न 8.  
निर्धारित गद्य पाठों के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।

(क) कैप्टन के प्रति पानवाले ने क्या व्यंग्यात्मक टिप्पणी की थी? इस व्यंग्यात्मक टिप्पणी पर आप अपनी प्रतिक्रिया लिखिए |  
उत्तर:  
कैप्टन के प्रति पानवाले ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, “वो लँगड़ा क्या जाएगा फौज में नागल है पागल।” कैप्टन के प्रति पानवाले की यह टिप्पणी हर उस देशभक्त को दुःखी करती है, जो अपने देश को सब कुछ समझता है। ऐसी टिप्पणी देश, देशभक्तों व उनके बलिदान का अपमान है। वास्तव में पागलपन की हद तक देश के प्रति त्याग व समर्पण की भावना रखने वाला व्यक्ति श्रद्धा का पात्र है, न कि उपहास का पात्र है।

(ख) बालगोबिन भगत ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए क्या किया ?  
उत्तर:  
बालगोबिन भगत ने महिलाओं की सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए निम्न प्रयास किए  
(i) बालगोबिन भगत ने अपने पुत्र को अपनी पतोहू से मुखाग्नि दिलाकर महिलाओं को पुरुषों के बराबर लाने का प्रयास किया।  
(ii) बालगोबिन भगत ने अपने पुत्र की मृत्यु होने पर पतोहू के भाई को बुलाकर आदेशात्मक स्वर में उसकी दूसरी शादी करने का आदेश दिया।

(ग) लेखिका मन्नू भंडारी को साधारण से असाधारण बनाने में उनकी प्राध्यापिका ‘शीला अग्रवाल’ की भूमिका पर प्रकाश डालिए।  
उत्तर:  
शीला अग्रवाल ने मन्नू भंडारी को साहसी और आत्मविश्वासी बनाया। अपनी प्राध्यापिका के साथ की गई लंबी बहसों ने लेखिका को साहित्य समझने की दृष्टि प्रदान की । शीला अग्रवाल ने न केवल लेखिका का साहित्यिक दायरा बढ़ाया, बल्कि घर की चारदीवारी के बीच बैठकर लेखिका ने देश की स्थितियों को जानने-समझने का जो सिलसिला शुरू किया था, उसे सक्रिय भागीदारी में बदल दिया, जिस कारण वह स्वाधीनता आंदोलन में भाग लेने लगी। इस प्रकार उन्होंने मन्नू के व्यक्तित्व को निखार कर असाधारण बनाया।

(घ) “आज का भौतिक विज्ञान का विद्यार्थी न्यूटन के समान सुसंस्कृत नहीं है।’ ‘संस्कृति’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें कि लेखक ने ऐसा क्यों कहा?  
उत्तर:  
न्यूटन गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का आविष्कार करने के कारण संस्कृत मानव था। संस्कृत मानव वही है, जो नई खोजें करता है। किसी सिद्धांत को परिमार्जित या परिष्कृत करने वाले को संस्कृत मानव नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वह पूर्व आविष्कृत सिद्धांत को ही आगे बढ़ा रहा है। आज के विद्यार्थी ने अपनी बुद्धि व विवेक के बल पर न्यूटन की तरह नया आविष्कार नहीं किया, इसलिए संस्कृत मानव कहलाने का अधिकारी उस सिद्धांत को प्रतिपादित करने वाला ही होगा। इस आधार पर आज के विद्यार्थी को अधिक सभ्य तो कह सकते हैं, लेकिन सुसंस्कृत नहीं ।

प्रश्न 9.  
निम्नलिखित पठित काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए।

ऊधौ,तुम हो अति बड़भागी।  
अपरस रहत सनेह तगा तैं, नाहिन मन अनुरागी ।  
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।  
ज्यों जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताकौं लागी।  
प्रीति – नदी में पाऊँ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी ।  
‘सूरदास’ अबला हम भोरी, गुर चाँटी ज्यौं पागी ।।

(क) उपर्युक्त पद में वक्ता और श्रोता क्रमशः हैं  
(i) उद्धव-गोपियाँ  
(ii) गोपियाँ-उद्धव  
(iii) सूरदास – उद्धव  
(iv) गोपियाँ -सूरदास  
उत्तर:  
(ii) गोपियाँ – उद्धव उपर्युक्त पद में वक्ता गोपियाँ हैं तथा श्रोता उद्धव हैं। प्रस्तुत पद में गोपियाँ उद्धव को उल्लहाना देते हुए विभिन्न उदाहरणों से बताती हैं कि तुम बहुत दुर्भाग्यशाली हो, जो श्रीकृष्ण के साथ रहते हुए भी उनसे प्रेम नहीं कर सके।

(ख) ‘पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी’ पंक्ति में किस स्थिति की ओर संकेत है? सही विकल्प का चयन कीजिए

उद्धव के दुर्भाग्यशाली होने की ओर  
कूट  
(i) कथन 1 सही है।  
(ii) कथन 1 और 2 सही है  
(iii) कथन 2 और 3 सही है  
(iv) कथन 1 और 4 सही है  
उत्तर:  
(iv) कथन (1) और (4) सही हैं । प्रस्तुत पंक्ति में उद्भव के दुर्भाग्यशाली होने तथा कृष्ण के प्रेम से अप्रभावित होने की ओर संकेत किया गया है। गोपियाँ कहती हैं कि जिस प्रकार कमल के पत्ते जल में रहते हुए भी जल से अछूते रहते हैं, ठीक वही स्थिति उद्धव तुम्हारी है। श्रीकृष्ण के प्रेम तत्त्व का कोई प्रभाव तुम पर नहीं पड़ा।

(ग) कथन (A) और कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़कर सही विकल्प चुनकर लिखिए  
कथन (A) गोपियों ने व्यंग्य कसते हुए उद्धव को भाग्यशाली कहा है।  
कारण (R) कृष्ण के सान्निध्य में रहते हुए भी उद्धव के मन में कृष्ण के प्रति अनुराग उत्पन्न नहीं हुआ।  
कूट  
(i) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।  
(ii) कथन (A) और कारण (R) दोनों गलत हैं।  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।  
(iv) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं, परंतु कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।  
उत्तर:  
(iii) कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है। गोपियों ने व्यंग्य कसते हुए उद्धव को भाग्यशाली कहा है, क्योंकि कृष्ण के सान्निध्य में रहते हुए भी उद्धव के मन में कृष्ण के प्रति अनुराग उत्पन्न नहीं हुआ।

(घ) ‘गुर चाँटी ज्यौं पागी’ पंक्ति में कौन किसका प्रतीक है?  
(i) गुर (गुड़) उद्धव का, चाँटी ( चींटी) सूरदास का  
(ii) गुर (गुड़) उद्धव का, चाँटी (चींटी) श्रीकृष्ण का  
(iii) गुर (गुड़) श्रीकृष्ण का, चाँटी (चींटी) उद्धव का  
(iv) गुर (गुड़) श्रीकृष्ण का, चाँटी (चींटी) गोपियों का  
उत्तर:  
(iv) गुर (गुड़) श्रीकृष्ण का, चाँटी (चींटी) गोपियों का प्रस्तुत पंक्ति में गुर (गुड़) श्रीकृष्ण का तथा चाँटी ( चींटी) गोपियों का प्रतीक है। गोपियाँ बताती हैं कि जिस प्रकार चीटियाँ गुड़ से चिपक जाती हैं, ठीक उसी प्रकार हम भी श्रीकृष्ण के प्रेम में उलझ (लिफ्ट) गई हैं।

(ङ) उद्धव के व्यवहार की तुलना गोपियों ने किससे की है? सही विकल्प का चयन कीजिए

1. जल में पड़े रहने वाले कमल के पत्ते से ।  
2. जल में पड़ी रहने वली तेल की गागर से ।  
3. गुड़ से चिपकी रहने वाली चींटी से ।  
4. कृष्ण की प्रीति-नदी में पाँव डुबाने से।  
कूट  
(i) कथन 1 सही है।  
(ii) कथन 1 और 2 सही हैं।  
(iii) कथन 2 और 3 सही हैं।  
(iv) कथन 1 और 4 सही हैं।  
उत्तर:  
(ii) कथन 1 और 2 सही हैं। उद्धव के व्यवहार की तुलना गोपियों ने जल में पड़े रहने वाले कमल के पत्तों व तेल की गागर से की है।

प्रश्न 10.  
निर्धारित कविताओं के आधार पर निम्नलिखित चार प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए।

(क) “ शक्ति और साहस के साथ विनम्रता हो तो अच्छा प्रभाव पड़ता है” इस कथन पर अपने विचार राम-लक्ष्मण – परशुराम संवाद’ पाठ के आलोक में लिखिए।  
उत्तर:  
साहस और शक्ति एक योद्धा के अनिवार्य गुण हैं। इन दोनों गुणों के साथ यदि विनम्रता का गुण भी हो तो अकारण ही कोई विवाद या युद्ध नहीं हो पाता है। विनम्रता के अभाव में शक्ति और साहस अनियंत्रित हो सकते हैं, जिसका परिणाम विनाशकारी होता है। विनम्रता का गुण न होना अहंकार को जन्म देता है। परशुराम और लक्ष्मण दोनों ही उदाहरण हमारे समक्ष हैं। परशुराम पराक्रमी हैं, किंतु स्वयं को महापराक्रमी, बाल ब्रह्मचारी, क्षत्रिय कुल घातक कहना उनके घमंड को दर्शाता है। वहीं लक्ष्मण साहसी हैं, लेकिन वह अपनी सीमाओं को तोड़ देते हैं और उम्र कठोर व सहज हो जाते हैं। वहीं श्रीराम में शक्ति और साहस के साथ विनम्रता भी है इसलिए सभा उनका सम्मान करती है और वे परशुराम सहित सभी का दिल जीत लेते हैं।

(ख) ‘आत्मकथ्य’ कविता के आधार पर उन तथ्यों का उल्लेख कीजिए, जिनका उल्लेख कवि अपनी आत्मकथा में नहीं करना चाहता है?  
उत्तर:  
‘आत्मकथ्य’ कविता के आधार पर कवि अपनी आत्मकथा में निम्नलिखित तथ्यों का उल्लेख नहीं करना चाहता है  
(i) वह अपनी सरलता, जो उसके दुःखों का कारण रही है, उनका उल्लेख नहीं करना चाहता।  
(ii) वह अपने जीवन में की गई भूलों और दूसरों के द्वारा किए गए छल-कपट को बताना नहीं चाहता ।  
(iii) मधुर चाँदनी रातों में अपनी प्रेयसी के साथ बिताए सुखमय क्षणों को सबसे नहीं कहना चाहता है।  
(iv) वह अपने जीवन के दुर्बल पक्षों का भी उल्लेख किसी के सामने नहीं करना चाहता है।

(ग) ‘चिर प्रवासी मैं इतर, मैं अन्य! कवि ने स्वयं को ‘चिर प्रवासी’, ‘इतर’ और ‘अन्य’ क्यों कहा है ? ‘यह दंतुरित मुसकान’ कविता के आधार पर लिखिए।  
उत्तर:  
कवि ने स्वयं को ‘चिर प्रवासी’, ‘इतर’ और ‘अन्य’ इसलिए कहा है, क्योंकि अपनी घुमक्कड़ प्रवृत्ति के कारण वे प्रवासी जीवन ही व्यतीत करते थे। वे अधिकांश समय अपने घर से दूर रहे, जिसके कारण वे अपने शिशु के लिए अपरिचित हो गए। कवि अपने घर बहुत दिनों बाद लौटते हैं इसलिए वे स्वयं को अतिथि, इतर अन्य आदि नामों से संबोधित करते हैं। इन नामों से स्वयं को संबोधित करना कवि के अंदर की पीड़ा और व्यथा को प्रदर्शित करना है।

(घ) वर्तमान में संगतकार जैसे व्यक्तियों की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए ।  
पूरक पाठ्यपुस्तक के निर्धारित पाठों पर आधारित निम्नलिखित तीन प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए ।  
उत्तर:  
संगतकार के जैसी प्रासंगिकता हर युग में रही है और आगे भी रहेगी। संगतकार जैसे व्यक्ति हर छोटे-बड़े कार्य में सहायक की भूमिका का निर्वाह करते हैं। आज जो भी प्रतिभासंपन्न व प्रभावशाली व्यक्ति हैं उनकी सफलता के पीछे केवल उनकी ही मेहनत नहीं होती, बल्कि उन्हें बहुत से लोगों की सहायता मिलती है। अत: संगतकार जैसे व्यक्तियों के बिना किसी भी क्षेत्र में महानतम उपलब्धि प्राप्त नहीं की जा सकती।

प्रश्न 11.  
(क) ‘माता का अँचल’ नामक पाठ में लेखक ने तत्कालीन समाज के पारिवारिक परिवेश का जो चित्रण किया है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।  
उत्तर:  
‘माता का अँचल’ पाठ में लेखक ने तत्कालीन समाज का चित्रण करते हुए वहाँ की जीवन-शैली का उल्लेख किया है। वहाँ शांत, प्राकृतिक एवं आत्मीयता से परिपूर्ण सामूहिक वातावरण था। लोगों के मध्य आत्मीयता की भावना थी, लोग सरल व सादगीपूर्ण जीवन व्यतीत करते थे। तत्कालीन समाज के लोग प्रकृति पर निर्भर थे। वे आज के आधुनिक यंत्रों (मोबाइल, कंम्प्यूटर आदि) को अपने बच्चों को देने के बजाए शारीरिक खेलों को प्रधानता देते थे। बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के बीच घुले-मिले रहते थे। बच्चों को बचपन से ही खेल-खेल में आदर्शात्मक बातों को सिखाया जाता था और उन बातों पर अधिक जोर दिया जाता था, ताकि बच्चे बड़े होकर अपने कार्यक्षेत्र में प्रवीण हो सकें और व्यावहारिक बन सकें।

(ख) ऊँचाई की ओर बढ़ते जाने पर लेखिका को परिदृश्य में क्या अंतर नज़र आए ? ‘साना-साना हाथ जोड़ि यात्रा वृतांत के आधार पर लिखिए |  
उत्तर:  
साना-साना हाथ जोड़ि’ पाठ में ऊंचाई की ओर बढ़ते जाने पर लेखिका ने अनुभव किया कि जैसे-जैसे ऊँचाई बढ़ती जा रही है। वैसे-वैसे बाजार, लोग व बस्तियाँ कम होती जा रही हैं। लेखिका को ऊँचाई की ओर बढ़ते समय स्वेटर बुनने वाली नेपाली युवतियाँ और कार्टून ढोने वाले बहादुर नेपाली ओझल होते दिखाई दिए। घाटियों में बने हुए घर ताश के बने हुए घरों की भाँति दिखाई दे रहे थे। ऊँचाई पर हिमालय अब अपने विराट रूप एवं वैभव के साथ दिखने लगा था। ऊँचाई की ओर बढ़ते समय रास्ते सँकरे और जलेबी की तरह घुमावदार होते जा रहे थे तथा रास्ते में बीच-बीच में रंग-बिरंगे खिले हुए दिखाई देते थे।

(ग) हिरोशिमा के बम विस्फोट में हुई क्षति को देखकर लेखक को कौन-सी घटना याद आई ? ‘ मैं क्यों लिखता हूँ’ पाठ के आधार पर लिखिए।  
उत्तर:  
हिरोशिमा के बम विस्फोट से निकली रेडियोधर्मी तरंगों के असमय ही असंख्य लोगों की मृत्यु हो गई थी। लेखक ने उस विस्फोट का दुःख भोगते हुए लोगों को देखा। यह देखकर लेखक को भारत की पूर्वी सीमा की घटना याद आ गई कि किस प्रकार से सैनिक ब्रह्मपुत्र नदी में बम फेंककर हजारों मछलियों को मार देते थे, जबकि उनका काम थोड़ी-सी मछलियों से चल सकता था। इससे जीवों का व्यर्थ ही विनाश हुआ था।

खंड ‘घ’ रचनात्मक लेखन

प्रश्न 12.  
निम्नलिखित तीन विषयों में से किसी एक विषय पर संकेत बिंदुओं के आधार पर लगभग 120 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए। (1 × 6 = 6)

(क) जल बचाओ, पृथ्वी बचाओ  
• जल के बिना जीवन असंभव  
• जल संरक्षण का महत्त्व  
• जल संरक्षण के उपाय  
उत्तर:  
जल बचाओ, पृथ्वी बचाओ  
जल प्रकृति द्वारा दिए गए सबसे महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। जल सभी जीवित प्रजातियों के अस्तित्व के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। यह पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए एक रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है, किंतु मनुष्य प्रतिदिन अधिक मात्रा में पानी को व्यर्थ करता जा रहा है, जो आज वर्तमान में एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। मनुष्य ने अपने स्वार्थ हेतु नदियों, महासागरों को प्रदूषित किया है तथा भूमिगत जल के स्तर को भी बिगाड़ दिया है। जल के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। हमें जल को संरक्षित करना चाहिए। जल संरक्षण तभी संभव है, जब हम पेड़ों की कटाई को रोकें और अधिक संख्या में वृक्षारोपण करके भूमिगत जल के स्तर को रोककर एक हरे-भरे पृथ्वी के निर्माण में अपना योगदान दें जल संरक्षण के लिए हम सभी का नैतिक दायित्व है कि जल का उपयोग न होने पर नल खुला न छोड़ें, नदियों व अन्य जल निकायों को प्रदूषित न करें, घर के कामों के लिए पानी का सीमित मात्रा में उपयोग करें, समय-समय पर वृक्षारोपण करें। जल संरक्षण हेतु यद्यपि कई अभियान भी चलाए गए हैं, लेकिन वे उतने उपयोगी सिद्ध नहीं हो रहे जितने होने चाहिए। अतः हम सभी को व्यक्तिगत रूप से इस गंभीर समस्या को समझकर जल को संरक्षित रखने का प्रयास करना है, ताकि हमारी पृथवी भी हरी-भरी व संरक्षित रहे।

(ख) जंक फूड और युवा पीढ़ी  
• जंक फूड क्या है?  
• जंक फूड का बढ़ता चलन  
• स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव  
उत्तर:  
जंक फूड और युवा पीढ़ी  
वर्तमान समय में जंक फूड का सेवन बढ़ता ही जा रहा है। जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो स्वस्थ शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। अधिकतर जंक फूड में उच्च स्तर पर वसा, शुगर, लवणता और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा होती है। ये जंक फूड रासायनिक पदार्थों के मिश्रण से बनाए जाते हैं, जो हमारे शरीर में जाकर हमारी स्वाद कोशिकाओं को भ्रमित कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कोशिकाएँ अपनी प्राकृतिक शक्ति खो देती हैं। युवा पीढ़ी में आजकल जंक फूड; जैसे- नूडल्स, चिप्स, जैम, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, बर्गर, पिज्जा आदि का चलन इतना अधिक हो गया है कि उन्हें घर पर बनने वाली कोई भी खाद्य वस्तु पसंद नहीं आती है। आकर्षक, सुविधाजनक व हर जगह आसानी से उपलब्ध होने वाले जंक फूड को लोगों ने जितनी तेजी से अपनाया है उतनी ही तेजी से उन्हें इससे होने वाले दुष्परिणामों से भी सामना करना पड़ रहा है। युवा पीढ़ी इसके सेवन से तेजी से कई बीमारियों; जैसे- रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेय, कैंसर आदि का छोटी उम्र में ही शिकार हो रही है। इन सभी दुष्परिणामों के लिए फास्ट फूड का सेवन ही जिम्मेदार है अतः युवा पीढ़ी को इसके दुष्परिणामों को भली-भाँति समझना चाहिए तथा वसा व कार्बोहाइड्रेट से परिपूर्ण जंक फूड को छोड़कर प्राकृतिक, ताजे फल व सब्जियाँ प्रोटीन व विटामिन से परिपूर्ण घर पर बने खाद्य पदार्थों का ही उपयोग करना चाहिए।

(ग) समाचार-पत्र के नियमित पठन का महत्त्व  
• ज्ञान का भंडार  
• पढ़ने की आदत का विकास  
• जागरूकता  
उत्तर:  
समाचार पत्र के लिए नियमित पठन का महत्त्व  
आधुनिक युग में समाचार पत्र का विशेष महत्त्व है। प्रत्येक व्यक्ति अपने ज्ञान को लेकर जागरूक रहता है, इसके लिए समाचार-पत्र ज्ञान – विज्ञान का सर्वोत्तम उपकरण है। संसार के किसी भी कोने में कोई भी घटित हुई घटना को समाचार पत्र पाठकों तक पहुँचा देता है। समाचार पत्र देश-विदेश की सूचना प्रदान करता है। यह राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की जानकारी समसामयिक घटनाओं, नई तकनीक, अनुसंधान, ज्योतिष, मौसमी परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं, संस्कृति, परंपरा, जीवम जीने की कला, ध्यान, योग खेल जगत, व्यापार, राजनीति आदि खेल-जगत, सभी के विषय में जानकारी देता है। समाचार का पठन बहुत ही रुचिपूर्ण कार्य है। यदि कोई इसे नियमित रूप से पढ़ने का शौकीन हो जाता है, तो कभी भी वह समाचार पत्र पढ़ना नहीं छोड़ता है, क्योंकि यह हमारे ज्ञान में वृद्धि करता है तथा हमें जागरूक बनाता है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसलिए जनता को राजनीति की सभी गतिविधियों को जानना बहुत आवश्यक है। किसी भी सामाजिक मुद्दे के विषय में सामान्य जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाचार पत्र सबसे अच्छा तरीका है साथ ही यह देश की आम जनता और सरकार के बीच संवाद करने का भी सर्वोत्तम माध्यम है। अतः समाचार-पत्र ज्ञानवर्धन के साधन होते हैं इसलिए हमें नियमित रूप से उनका अध्ययन करने की आदत डालनी चाहिए।

प्रश्न 13.  
(क) आप अनुपमा / अनुपम हैं। आपके क्षेत्र को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क पर लाइटें खराब हो गईं हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। इस ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग को लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए |  
उत्तर:  
परीक्षा भवन,  
दिल्ली।  
दिनांक 5 सितंबर, 20XX  
सेवा में,  
विकास पदाधिकारी,  
सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग,  
बुराड़ी क्षेत्र,  
दिल्ली।  
विषय मुख्य सड़क व उससे जुड़ने वाली क्षेत्रीय सड़क की लाइटें खराब होने की शिकायत हेतु ।  
महोदय,  
निवेदन यह है कि मेरा नाम अनुपमा है। मैं बुराड़ी क्षेत्र की निवासी हूँ। महोदय हमारे क्षेत्र में मुख्य सड़क व उससे जुड़ने वाली क्षेत्रीय सड़क की सभी लाइटें लगभग एक महीने से खराब हैं। हमारे क्षेत्रीय सड़क की लाइटें खराब होने के कारण आए दिन कोई न कोई दुर्घटना घटित हो रही है। हमारे क्षेत्र के निवासियों ने कई बार इस समस्या की शिकायत भी की, परंतु इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया, अँधेरे का फायदा उठाकर लूटपाट की समस्या अधिक हो गई है। कल ही सड़क पर एक महिला की सोने की चेन खींच ली गई, जिससे महिला के गले में चोट लगने से वह गंभीर हालत में है।  
अतः मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि कृपा करके आप मेरी प्रार्थना सुनकर शीघ्रातिशीघ्र हमारे क्षेत्रीय सड़क की लाइटें व मुख्य सड़क की सभी लाइटों को ठीक कराने की कृपा करें, ताकि क्षेत्रवासी आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं से बच सकें और भयमुक्त होकर अपने क्षेत्र में आ-जा सकें।  
सधन्यवाद ।  
प्रार्थी  
अनुपमा  
(क्षेत्रवासी)  
बुराड़ी

अथवा

(ख) आप अनुपमा/अनुपम हैं। आपने विद्यालय की भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अपने दादाजी को विद्यालय की भाषण प्रतियोगिता की संपूर्ण जानकारी देते हुए लगभग 100 शब्दों में पत्र लिखिए ।  
उत्तर:  
परीक्षा भवन,  
दिल्ली।  
दिनांक 5 सितंबर, 20XX  
पूजनीय दादाजी  
सादर चरण स्पर्श ।  
आशा करता हूँ कि आप सकुशल होंगे। मुझे आपको यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि अपने विद्यालय की भाषण प्रतियोगिता में मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। दादाजी मेरे भाषण का विषय पाश्चात्य व भारतीय संस्कृति था । प्रतियोगिता में यद्यपि सभी प्रतिभागियों ने बहुत अच्छे से भाषण के रूप में प्रस्तुत विषय पर अपने विचार व्यक्त किए, किंतु आपके द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन व सलाह से मैंने पूरे जोश व आत्मविश्वास के साथ अपने विषय को प्रस्तुत किया, जिससे मैंने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दादाजी यदि आप मेरा मार्गदर्शन न करते तो मुझमें कहीं न कहीं आत्मविश्वास की कमी रहती, जिस पर अब मैंने विजय पा ली है। आप आगे भी मेरा इसी तरह मार्गदर्शन करते रहना। दादीजी को मेरा प्रणाम कहना।  
आपका स्नेहाकांक्षी  
अनुपम

CBSE Sample Papers for Class 10 Hindi A Set 1 with Solutions

प्रश्न 14.  
(क) आप मेधावी / माधव हैं। आपने पत्रकारिता में अपना अध्ययन पूरा कर लिया है। किसी प्रसिद्ध दैनिक समाचार-पत्र में पत्रकार का पद रिक्त है। आप उक्त पद की योग्यता (पत्रकारिता में स्नातक) को धारण करते हैं। उक्त रिक्त पद हेतु समाचार-पत्र के प्रमुख को आवेदन भेजने के लिए लगभग 80 शब्दों में अपना एक स्ववृत्त तैयार कीजिए । [1 × 5 = 5]  
उत्तर:  
स्ववृत्त  
नाम : माधव  
पिता का नाम : श्री महेंद्र सिंह  
माता का नाम : श्रीमती किरन देवी  
जन्म तिथि : 22 अप्रैल, 1989  
वर्तमान पता : मकान नं. 123, सैनिक विहार, दिल्ली।  
स्थायी पता : उपर्युक्त  
दूरभाष नंबर : 011 27689424  
मोबाइल नंबर : 9482XXXXXX  
ई-मेल : 1989madhav@gmail.com  
शैक्षणिक योग्यताएँ

 

cbse 10 hindi

 

अन्य संबंधित योग्यताएँ  
• हिंदी व अंग्रेजी भाषा का व्यावहारिक ज्ञान  
• कंप्यूटर का ज्ञान  
• पत्रकारिता व जनसंचार के आयामों का ज्ञान  
• फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का ज्ञान

उपलब्धियाँ  
• सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता वर्ष 2012 में प्रथम पुरस्कार |  
• भ्रष्टाचार घोटालों पर खोजी लेखों की श्रृंखला तैयार करने हेतु सर्वश्रेष्ठ लेख पुरस्कार ।  
• जलवायु परिवर्तन विषय पर मल्टीमीडिया फीचर तैयार करने पर क्षेत्रीय पत्रकारिता के पुरस्कार से सम्मानित।

कार्येत्तर गतिविधियाँ एवं अभिरुचियाँ  
• समाचार पत्र व पत्रिकाओं का नियमित पठन  
• देश भ्रमण का शौक  
• इंटरनेट सर्फिंग

उद्घोषणा  
इन सभी योग्यताओं के साथ-साथ मैं कई वर्षों से स्वतंत्र लेखन से भी जुड़ा हुआ हूँ। मैं पुष्टि करता हूँ कि मेरे द्वारा उपर्युक्त दी गई जानकारी पूर्णतः सत्य है । मैं विश्वास दिलाता हूँ कि मैं अपना कार्य सत्यनिष्ठ एवं पूर्ण कर्त्तव्यपरायणता से करूँगा।  
दिनांक 5 सितंबर, 20XX  
स्थान दिल्ली  
हस्ताक्षर माधव

अथवा

(ख) आप मेधावी / माधव हैं। ए. टी. एम. कार्ड न मिलने की सूचना देते हुए संबंधित बैंक शाखा प्रबंधक को लगभग 80 शब्दों में एक ई-मेल लिखिए |  
उत्तर:  
from : madhav@gmail.com  
To : ATM card@bob.com  
CC : manager bob@gmail.com  
BCC : abc@bob.gmail.com  
विषय ए.टी.एम. कार्ड न मिलने की सूचना हेतु ।  
मान्यवर,  
सादर निवेदन इस प्रकार है कि मैं आपके बैंक ऑफ बड़ौदा ‘मॉडल टॉउन ब्रांच का खाताधारक हूँ। मेरा खाता नं. 2945XXXX है। मैंने दो महीने पहले ए.टी.एम. कार्ड के लिए आवेदन किया था, किंतु यह मुझे अभी तक नहीं मिला है। कृपया आप मुझे ए. टी. एम. कार्ड के विलंब होने की वजह ज्ञात करें। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि आप मेरे निवेदन को स्वीकार करके शीघ्रातिशीघ्र मेरे पते पर मेरा ए.टी.एम. कार्ड भेजने का कष्ट करें।

धन्यवाद ।  
भवदीय  
माधव

प्रश्न 15.  
(क) प्रदूषण से बचने के लिए पर्यावरण विभाग की ओर से जनहित में जारी एक आकर्षक विज्ञापन लगभग 40 शब्दों में तैयार कीजिए । •{ 4 × 4 = 4)  
उत्तर:  
जन-जन तक संदेश पहुँचाना है पर्यावरण को बचाना है

अथवा

(ख) आपके कक्षा अध्यापक को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें बधाई देते हुए लगभग 40 शब्दों में संदेश लिखिए ।  
उत्तर:  
बधाई संदेश  
दिनांक 5 सितंबर, 20XX  
समय प्रात: 9 बजे  
आदरणीय अध्यापक महोदय,  
मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि आपको शिक्षा के क्षेत्र में आपके उल्लेखनीय योगदान हेतु आपकों ‘राष्ट्रीय शिक्षा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार न केवल आपके कठोर परिश्रम, लगन व समर्पण का प्रमाण है, बल्कि यह हमारे विद्यालय और पूरे शिक्षा समुदाय के लिए भी गौरव का विषय है। आगे भी आप ऐसे ही उन्नति के मार्ग पर अग्रसर रहें ।  
आपका शिष्य  
क. ख. ग.

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